Jay Prakash Choudhary Maithili Comedy: उलहन

उलहन 
हे सरस्वती तोरो चलती, दिन-दिन हैत मलान !!
तजलक पूजा सब विद्यालय, नाम लैछ महाविद्यालय !
मत मातल घमशान उपद्रव, जहिया मूर्ति भसान !!
हे सरस्वती तोरो चलती, दिन-दिन हैत मलान !!

बाट बन्न अछि तोरे नामे, माघ बैरियर गामे-गामे !
समय गमायब, कथो सुनए मुक्का थापड़ कोचवान !!
हे सरस्वती तोरो चलती, दिन-दिन हैत मलान !!

किए करत कियो तोहर अरधान, के पबैत अछि बड़का अन-धन !
तोहर देल कागत सबूत ' ढहनाइछ  बबुआन !!
हे सरस्वती तोरो चलती, दिन-दिन हैत मलान !!

टॉप योग्यता पौने बौआ, तैयो चाही कसगर ढोआ!
से लक्ष्मीक कृपे सँ भेटए , तैं हुनक गुणगान !!
हे सरस्वती तोरो चलती, दिन-दिन हैत मलान !!

बरदे सौंसे देशक देवा, जरसिक सेवा सध: मेवा !
जते पढुआ तते लफुआ, धनि किसान भगवान !!
हे सरस्वती तोरो चलती, दिन-दिन हैत मलान !!

रटलनि वेद हमर परबाबा, फंकलनि छुच्छे धानक लाबा !
वैह कर्म हम फेर करू, बरु फोलब पान दोकान !!
हे सरस्वती तोरो चलती, दिन-दिन हैत मलान !!

दूइर भेल हाथक वीणा, एकरा बजबए नगन हसीना !
टेप सिनेमा टेलीविजनो, गिरलक गान बजान !!
हे सरस्वती तोरो चलती, दिन-दिन हैत मलान !!

विद्या पढने बेरोजगारी, करै तिरस्कृत अपने नारी !
बिना नोन रोटिक नियोजन, सरकारी अनुदान !!
हे सरस्वती तोरो चलती, दिन-दिन हैत मलान !!

सौतिन तोहर परम लक्ष्मीनियाँ, तोरा सेवकक दुश्मनियाँ !
अन्न बिना मारि सकै, से ओकरा लेल असान!!
हे सरस्वती तोरो चलती, दिन-दिन हैत मलान !!

कनडेरियो जौं कने तकै छह, छाहरी तरक पाइ धरि दै छह !
ठिकेदार सन गुम्बज नहि हो, सगर देश सम्मान !!
हे सरस्वती तोरो चलती, दिन-दिन हैत मलान !!  

लेखक:- जय प्रकाश चौधरी"जनक"
साभार:- जय प्रकाश चौधरी"जनक"
प्रस्तुति:- राजीव मिश्र(अपन मिथला धाम)
सुचना:- कृपया कें अही कविता कोप्पी करी और एकरा इत्र-वित्र जगह पर पोस्ट नै करी.
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